Notes For All Chapters – सामाजिक विज्ञान Class 6
आधारभूत लोकतंत्र — भाग 2: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार
मुख्य विचार
- गाँधी जी का कथन: “असली भारत गाँवों में बसता है।”
- भारत एक बड़ा और विविध देश है। यहाँ 6 लाख गाँव, 8 हजार कस्बे और 4 हजार से ज्यादा नगर हैं।
- जनसंख्या: लगभग 1.4 अरब, जिसमें दो-तिहाई लोग गाँवों में रहते हैं।
- इस अध्याय में हम ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय सरकार (पंचायती राज) के बारे में जानेंगे।
पंचायती राज क्या है?
1.परिभाषा:
पंचायती राज गाँवों में स्थानीय शासन की व्यवस्था है।
यह लोगों को अपने गाँव की समस्याएँ हल करने और विकास करने का अधिकार देती है।
2. तीन स्तर:
- ग्राम स्तर: ग्राम पंचायत
- खंड स्तर: पंचायत समिति
- जिला स्तर: जिला पंचायत (या जिला परिषद)
3. यह त्रिस्तरीय व्यवस्था कहलाती है।
पंचायती राज के कार्य
ग्राम पंचायत:
गाँव की सड़क, पानी, स्कूल का रखरखाव।
भूमि विवाद या चोरी जैसे मामलों को सुलझाना।
सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाना।
पंचायत समिति:
कई गाँवों की समस्याओं को देखती है।
ग्राम पंचायत और जिला परिषद के बीच कड़ी का काम करती है।
जिला पंचायत:
पूरे जिले के विकास की योजना बनाती है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जल प्रबंधन जैसे बड़े कामों को देखती है।
ग्राम पंचायत
क्या है?: गाँव की सबसे छोटी शासन इकाई।
चुनाव:
ग्राम सभा (गाँव के वयस्क लोग) सदस्य चुनती है।
सरपंच या प्रधान इसका अध्यक्ष होता है।
उदाहरण:
- किन्नर दयानेश्वर कांबले (महाराष्ट्र): सरपंच बने, गाँव की सेवा की।
- वंदना बहादुर मैदा (मध्यप्रदेश): पहली महिला सरपंच, शिक्षा और स्वच्छता पर काम किया।
- पोपटराव पवार (हिवरे बाजार): जल संरक्षण से गाँव को समृद्ध बनाया, पद्मश्री मिला।
सहायक:
पंचायत सचिव: बैठक और रिकॉर्ड का काम।
पटवारी: जमीन के रिकॉर्ड रखता है।
बाल हितैषी पंचायत
बच्चों की बात सुनने और उनकी समस्याएँ हल करने की पहल।
उदाहरण:
- सिक्किम: स्कूल में दीवारें और रसोई बनवाई, मिड-डे मील शुरू किया।
- राजस्थान (बेयरफुट कॉलेज): बच्चों की बाल संसद, शिक्षा और लोकतंत्र सिखाया।
काम: बाल श्रम, बाल विवाह रोकना, स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना।
पंचायती राज क्यों जरूरी है?
यह लोगों को शासन में हिस्सा लेने का मौका देती है।
स्थानीय समस्याओं को गाँव में ही हल करने में मदद करती है।
महिलाओं और कमजोर वर्गों (SC/ST) को अधिकार देती है।
एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित।
लक्ष्मणपुर गाँव का उदाहरण
- विवरण: हिमालय की तराई में बसा, 200 घर, 700 लोग।
- जरूरतें: पानी, सड़क का रखरखाव, स्कूल की मरम्मत।
- समाधान: ग्राम पंचायत इन समस्याओं को हल करती है।
कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र’
2300 साल पहले लिखा गया।
गाँव से प्रांतीय स्तर तक शासन का ढाँचा बताया:
10 गाँव = संग्रहण
100 गाँव = करवाटिका
400 गाँव = द्रोणमुख
800 गाँव = स्थानीय
मुख्य बिंदु
पंचायती राज ग्रामीण स्वशासन की नींव है।
यह लोकतंत्र को गाँव तक ले जाती है।
तीनों स्तर मिलकर गाँवों का विकास करते हैं।
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