Notes For All Chapters – सामाजिक विज्ञान Class 6
इतिहास की समय-रेखा एवं उसके स्रोत
1. इतिहास क्या है?
इतिहास अतीत और वर्तमान के बीच का संवाद है।
अतीत को समझने से वर्तमान को बेहतर ढंग से जान सकते हैं। (ई.एच. कार के अनुसार)
हम अपने अतीत की स्मृतियों से इतिहास को समझते हैं, जैसे 5-6 साल पहले की यादें।
2. अतीत का अध्ययन कैसे करते हैं?
- भू-विज्ञानी: पृथ्वी के भौतिक स्वरूप (मिट्टी, पत्थर, पहाड़, नदियाँ) का अध्ययन करते हैं।
- जीवाश्म विज्ञानी: पुराने पेड़ों, जानवरों और मानवों के जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं।
- मानव विज्ञानी: मानव समाज और संस्कृतियों का अध्ययन करते हैं।
- पुरातत्व विज्ञानी: पुरानी वस्तुओं (उपकरण, बर्तन, हड्डियाँ) का उत्खनन करके अतीत को जानते हैं।
3. समय की गणना
हर समाज के पास समय गिनने का अपना तरीका था, जैसे किसी बड़े व्यक्ति के जन्म से।
ग्रेगोरियन कैलेंडर: आज दुनिया में इस्तेमाल होता है। इसमें 365 दिन और हर 4 साल में एक अधिवर्ष (लीप ईयर) होता है।
शताब्दी साल (जैसे 2000) 400 से विभाजित होने पर ही लीप ईयर होता है।
ईसा मसीह के जन्म से गणना:
- बाद के साल: सा.सं. (सी.ई. – कॉमन एरा), जैसे 1947 सा.सं. (भारत की स्वतंत्रता)।
- पहले के साल: सा.सं.पू. (बी.सी.ई. – बिफोर कॉमन एरा), जैसे 560 सा.सं.पू. (बुद्ध का जन्म)।
गणना का नियम: सा.सं.पू. और सा.सं. के बीच साल जोड़कर 1 घटाते हैं।
उदाहरण: बुद्ध का जन्म (560 सा.सं.पू.) से 2024 सा.सं. तक = 560 + 2024 – 1 = 2583 साल पहले।
4. समय-रेखा
समय-रेखा घटनाओं को क्रम में दिखाती है।
उदाहरण: बुद्ध का जन्म ईसा मसीह से पहले हुआ।
प्रमुख घटनाएँ:
- 12,000 सा.सं.पू.: अंतिम हिम युग खत्म।
- 10,000 सा.सं.पू.: स्थायी निवास और खेती शुरू।
- 6000 सा.सं.पू.: मिट्टी के बर्तन बनाना शुरू।
- 4000 सा.सं.पू.: सिंधु-सरस्वती सभ्यता।
- 0 सा.सं.: ईसा का जन्म।
- 2024 सा.सं.: हमारा समय।
5. समय के बड़े हिस्से
शताब्दी: 100 साल का समय।
- उदाहरण: 2001 से 2100 = 21वीं शताब्दी सा.सं.
- 300 सा.सं.पू. से 201 सा.सं.पू. = तीसरी शताब्दी सा.सं.पू.
सहस्त्राब्दी: 1000 साल का समय।
- उदाहरण: 2001 से 3000 = तीसरी सहस्त्राब्दी सा.सं.
- 1 सा.सं.पू. से 1000 सा.सं.पू. = पहली सहस्त्राब्दी सा.सं.पू.
6. भारतीय तिथिपत्र (पंचांग)
सूर्य और चंद्रमा की स्थिति से समय गिना जाता है।
त्योहारों, सूर्यग्रहण, मौसम आदि के लिए आज भी इस्तेमाल होता है।
7. इतिहास के स्रोत
स्रोत: कोई भी चीज़ (वस्तु, लेख, व्यक्ति) जिससे अतीत की जानकारी मिलती है।
प्रमुख स्रोत:
- पांडुलिपि, ताम्रपत्र, सिक्के, शिलालेख।
- वंशावली, लोक साहित्य, स्मारक, उत्खनन।
- मौखिक कहानियाँ, चित्रकला, मूर्तियाँ, उपकरण।
उदाहरण: पुराने सिक्कों से पता चलता है कि लोग क्या खरीदते-बेचते थे।
8. मानव इतिहास की शुरुआत
होमो सेपियंस: 3,00,000 साल पहले पृथ्वी पर आए।
शुरुआती जीवन:
समूहों में रहते थे, शिकार करते थे, फल इकट्ठा करते थे।
गुफाओं या शैलाश्रयों में रहते थे।
अग्नि और पत्थर के औज़ार इस्तेमाल करते थे।
शैल-चित्र बनाते थे (पशु, मानव, प्रतीक)।
हिम युग: 1,00,000 से 12,000 सा.सं.पू. तक। बर्फ पिघलने से नदियाँ बनीं।
9. खेती और सभ्यता की शुरुआत
12,000 सा.सं.पू. के बाद जलवायु बेहतर हुई।
लोग एक जगह बसने लगे, अनाज उगाने लगे, जानवर पालने लगे।
नदियों के किनारे बस्तियाँ बनीं क्योंकि मिट्टी उपजाऊ थी।
बाद में गाँव बने, मिट्टी के बर्तन और धातु (ताँबा, लोहा) का इस्तेमाल शुरू हुआ।
10. समाज का विकास
पहले निजी संपत्ति नहीं थी, सब मिलकर काम करते थे।
गाँव बड़े हुए, व्यापार शुरू हुआ, कस्बे बने।
यह सभ्यता के उदय का आधार बना (अध्याय 6 में विस्तार से)।
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