पृथ्वी पर स्थानों की स्थिति
1. इस पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 10 और अध्याय 5 में चित्र 5.2 के संदर्भ में, 2.5 से.मी. = 500 कि.मी. का पैमाना लेते हुए, नर्मदा नदी के मुहाने से गंगा नदी के मुहाने तक की वास्तविक दूरी की गणना कीजिए (संकेत मानचित्र पर अपनी माप को एक सरल संख्या में पूर्णांकित कीजिए)।
उत्तर:
इस मानचित्र पर नर्मदा नदी के मुहाने (अरब सागर में) से गंगा नदी के मुहाने (बंगाल की खाड़ी में) तक की दूरी को स्केल का उपयोग करके मापना होगा। दिए गए स्केल के अनुसार, 2.5 से.मी. मानचित्र पर 500 कि.मी. की वास्तविक दूरी को दर्शाता है।
मान लीजिए कि आपने मानचित्र पर नर्मदा नदी के मुहाने से गंगा नदी के मुहाने तक की सीधी रेखा की दूरी मापी और वह ‘x’ से.मी. निकली।
तो, वास्तविक दूरी की गणना इस प्रकार की जाएगी:
वास्तविक दूरी = (मानचित्र पर मापी गई दूरी (से.मी.) / स्केल पर से.मी.) * स्केल पर वास्तविक दूरी (कि.मी.)
वास्तविक दूरी = (x / 2.5) * 500 कि.मी.
उदाहरण के लिए, यदि मानचित्र पर मापी गई दूरी लगभग 7.5 से.मी. है, तो वास्तविक दूरी होगी:
वास्तविक दूरी = (7.5 / 2.5) * 500 कि.मी.
वास्तविक दूरी = 3 * 500 कि.मी.
वास्तविक दूरी = 1500 कि.मी.
इसलिए, नर्मदा नदी के मुहाने से गंगा नदी के मुहाने तक की वास्तविक दूरी लगभग 1500 कि.मी. होगी।
नोट: सटीक माप के लिए आपको पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 10 और अध्याय 5 में दिए गए चित्र 5.2 पर स्केल का उपयोग करके दूरी को मापना होगा। ऊपर दी गई गणना केवल एक उदाहरण है।
2. जब लंदन में दोपहर 12 बजे का समय होता है, तो उसी समय भारत में सायं के 5:30 बजते हैं, क्यों?
उत्तर:
लंदन और भारत के बीच समय का अंतर इसलिए है क्योंकि दोनों अलग-अलग समय क्षेत्रों में स्थित हैं। लंदन ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) पर आधारित है, जो 0° देशांतर पर है, जबकि भारत का मानक समय (IST) 82.5° पू. देशांतर पर आधारित है। पृथ्वी 1° देशांतर में 4 मिनट का समय अंतर पैदा करती है। 82.5° का अंतर लगभग 5 घंटे 30 मिनट बनता है। इसलिए, जब लंदन में दोपहर 12 बजे होते हैं, भारत में 5:30 PM होता है।
3. हमें मानचित्र में प्रतीक चिह्नों और रंगों की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
हमें मानचित्र में प्रतीक चिह्नों और रंगों की आवश्यकता इसलिए होती है ताकि मानचित्र को आसानी से समझा जा सके और उसमें विभिन्न प्रकार की भौगोलिक विशेषताओं और सूचनाओं को दर्शाया जा सके।
प्रतीक चिह्न: ये विभिन्न वस्तुओं, स्थानों या विशेषताओं (जैसे नदियाँ, पहाड़, सड़कें, रेलवे लाइनें, शहर, मंदिर आदि) को छोटे और मानकीकृत तरीके से दर्शाते हैं। प्रतीकों के उपयोग से मानचित्र पर भीड़भाड़ कम होती है और विशिष्ट जानकारी को ढूंढना आसान हो जाता है।
रंग: रंग मानचित्र पर विभिन्न प्रकार की जानकारी को दृश्य रूप से अलग करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, नीले रंग का उपयोग आमतौर पर पानी के निकायों (नदियों, झीलों, समुद्रों) को दर्शाने के लिए किया जाता है, हरे रंग का उपयोग वनस्पति को दर्शाने के लिए किया जा सकता है, और भूरे रंग का उपयोग पहाड़ों या ऊँची भूमि को दर्शाने के लिए किया जा सकता है। रंगों का एक सुसंगत उपयोग मानचित्र को अधिक स्पष्ट और समझने योग्य बनाता है।
संक्षेप में, प्रतीक चिह्न और रंग मानचित्र को सूचनात्मक, सुलभ और दृश्यमान रूप से आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
4. आपके घर या विद्यालय की आठ दिशाओं में क्या-क्या स्थित है? पता लगाइए।
उत्तर:
यह प्रश्न व्यक्तिगत है और इसका उत्तर आपके घर या विद्यालय की विशिष्ट स्थिति पर निर्भर करेगा। आपको एक दिशा सूचक यंत्र (कम्पास) का उपयोग करके या सूर्य की स्थिति का अवलोकन करके आठ मुख्य दिशाओं (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम) का पता लगाना होगा और फिर देखना होगा कि प्रत्येक दिशा में क्या स्थित है।
5. स्थानीय समय और मानक समय के बीच क्या अंतर है? समूहों में चर्चा कीजिए और फिर प्रत्येक समूह 100–150 शब्दों तक का एक उत्तर लिखे। उत्तरों की तुलना कीजिए।
(समूह चर्चा के आधार पर संभावित उत्तर)
स्थानीय समय: स्थानीय समय किसी विशेष स्थान पर सूर्य की स्थिति के अनुसार निर्धारित किया जाता है। जब सूर्य आकाश में सबसे ऊँचे बिंदु पर होता है, तो उस स्थान पर दोपहर के 12 बजे माने जाते हैं। अलग-अलग देशांतरों पर स्थित स्थानों पर सूर्योदय, सूर्यास्त और मध्याह्न का समय अलग-अलग होता है, इसलिए प्रत्येक देशांतर का अपना स्थानीय समय होता है। यह समय देशांतर रेखाओं पर आधारित होता है।
मानक समय: मानक समय एक विशिष्ट क्षेत्र या देश के लिए अपनाया गया एक समान समय होता है ताकि समय संबंधी भ्रम और असुविधा से बचा जा सके। एक देश या एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में अक्सर एक या अधिक मानक समय क्षेत्र होते हैं। प्रत्येक मानक समय क्षेत्र आमतौर पर एक केंद्रीय देशांतर के स्थानीय समय पर आधारित होता है। उदाहरण के लिए, भारत का मानक समय 82.5° पूर्वी देशांतर के स्थानीय समय पर आधारित है, जिसे भारतीय मानक समय (IST) कहा जाता है। मानक समय का उपयोग परिवहन, संचार और दैनिक गतिविधियों के समन्वय को आसान बनाता है।
मुख्य अंतर यह है कि स्थानीय समय देशांतर के अनुसार बदलता रहता है, जबकि मानक समय एक बड़े क्षेत्र के लिए एक समान रहता है, भले ही उस क्षेत्र के भीतर अलग-अलग स्थानीय समय हों। मानक समय को अपनाने का उद्देश्य समय की एकरूपता बनाए रखना है।
6. दिल्ली और बेंगलुरु के अक्षांश क्रमशः 29° उ० और 13° उ० हैं और उनका देशांतर लगभग 77° पू० एक ही है। दोनों नगरों के बीच स्थानीय समय में कितना अंतर होगा?
उत्तर:
चूंकि दिल्ली और बेंगलुरु दोनों लगभग एक ही देशांतर (77° पू०) पर स्थित हैं, इसलिए उनके स्थानीय समय में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं होगा। स्थानीय समय मुख्य रूप से देशांतर पर निर्भर करता है। यदि दो स्थान एक ही देशांतर पर स्थित हैं, तो सूर्य उनके ऊपर लगभग एक ही समय पर अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंचेगा, जिसके परिणामस्वरूप उनके स्थानीय समय में बहुत कम या कोई अंतर नहीं होगा। अक्षांश में अंतर से मौसम और दिन की लंबाई में अंतर आ सकता है, लेकिन स्थानीय समय पर इसका कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए, दिल्ली और बेंगलुरु के स्थानीय समय में लगभग कोई अंतर नहीं होगा।
7. निम्नलिखित कथनों पर सही या गलत का चिह्न लगाइए और इसे एक या दो वाक्यों में समझाइए।
→ अक्षांशों के सभी समानांतरों की लंबाई समान होती है। (गलत)
भूमध्य रेखा सबसे बड़ा अक्षांश वृत्त है, और ध्रुवों की ओर बढ़ने पर अक्षांश वृत्तों की लंबाई कम होती जाती है, अंततः ध्रुवों पर यह एक बिंदु बन जाती है।
→ देशांतर के एक याम्योत्तर की लंबाई भूमध्य रेखा की आधी होती है। (गलत)
देशांतर के सभी याम्योत्तर उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर मिलते हैं, और उनकी लंबाई समान होती है। यह लंबाई भूमध्य रेखा की आधी नहीं होती।
→ दक्षिण ध्रुव का अक्षांश 90° द० है। (सही)
दक्षिण ध्रुव पृथ्वी का सबसे दक्षिणी बिंदु है, जिसे 90° दक्षिणी अक्षांश द्वारा दर्शाया जाता है।
→ असम में स्थानीय समय और आई.एस.टी. (भारतीय मानक समय) एक ही है। (गलत)
असम भारत के पूर्वी भाग में स्थित है, और यह 82.5° पूर्वी देशांतर से पूर्व में पड़ता है। इसलिए, असम का स्थानीय समय भारतीय मानक समय (जो 82.5° पूर्वी देशांतर पर आधारित है) से थोड़ा आगे होगा। हालांकि, पूरे देश में एक ही मानक समय (IST) का पालन किया जाता है।
→ समय क्षेत्र को पृथक करने वाली रेखाएँ देशांतर के याम्योत्तर के समान होती हैं। (सही)
समय क्षेत्र अक्सर देशांतर रेखाओं के साथ निर्धारित किए जाते हैं, हालांकि राजनीतिक सीमाओं और व्यावहारिक कारणों से इनमें कुछ विचलन हो सकता है। सैद्धांतिक रूप से, प्रत्येक समय क्षेत्र एक निश्चित संख्या में देशांतरों को कवर करता है।
→ भूमध्य रेखा एक अक्षांश वृत्त भी है। (सही)
भूमध्य रेखा 0° अक्षांश पर स्थित एक काल्पनिक वृत्त है जो पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्धों में विभाजित करती है। यह सबसे बड़ा अक्षांश वृत्त है।
← नीचे दी गई शब्द पहेली को हल कीजिए। (ध्यान दें – इस पहेली को हल करने के लिए अंग्रेजी भाषा के शब्दों का उपयोग कीजिए)।
बाएँ से दाएँ
1. मानचित्र में एक वृहद क्षेत्र को लघु रूप में दिखाना
4. एक सुविधाजनक गोलाकार
5. सबसे लंबी समानांतर अक्षांश रेखा
6. वह स्थान जहाँ से प्रमुख याम्योत्तर गुजरती है।
8. मार्ग को खोजने का सरल साधन
10. भूमध्य रेखा से दूरी का एक माप
ऊपर से नीचे
2. प्रमुख याम्योत्तर से दूरी का एक माप
3. ये दोनों मिलकर एक स्थान का पता लगाने में सहायक होते हैं।
6. जो अक्षांश और देशांतर मिलकर बनाते हैं।
7. वह समय, जिसका हम भारत में अनुसरण करते हैं।
9. विश्व के शीर्ष पर
11. एक रेखा के लिए शब्द संक्षेप, जिसके आर-पार दिन और तिथि में परिवर्तन होता है।
उत्तर:
Across
1. SCALE
4. GLOBE
5. EQUATOR
6. GREENWICH
8. MAP
10. LATITUDE
Down
2. LONGITUDE
3. COORDINATES
6. GRID
7. IST (Indian Standard Time)
9. NORTH
11. IDL (International Date Line)
महत्वपूर्ण प्रश्न (Page 7)
1. मानचित्र क्या है और हम इसका उपयोग कैसे करते हैं? इसके मुख्य घटक क्या हैं?
उत्तर:
मानचित्र क्या है: मानचित्र पृथ्वी की सतह या उसके किसी हिस्से का एक चित्रमय निरूपण है, जिसे एक समतल सतह (जैसे कागज) पर एक निश्चित पैमाने के अनुसार बनाया जाता है। यह पूरी दुनिया या उसके एक छोटे से भाग को दर्शा सकता है।
उपयोग: मानचित्रों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे:
- स्थानों को ढूंढना और नेविगेशन: यात्रियों, वाहन चालकों, पर्यटकों और रक्षा कर्मियों द्वारा रास्ता खोजने और स्थानों की पहचान करने के लिए।
- भौगोलिक जानकारी समझना: किसी क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं (जैसे पहाड़, नदियाँ) या मानव निर्मित विशेषताओं (जैसे सड़कें, शहर) को समझने के लिए।
- योजना बनाना: प्रशासकों द्वारा क्षेत्रीय योजना बनाने, उद्योगपतियों द्वारा संसाधनों और परिवहन मार्गों का विश्लेषण करके कारखानों के लिए स्थान चुनने में सहायता के लिए।
- दूरी और दिशा जानना: स्थानों के बीच की सापेक्ष दूरी और दिशा का अनुमान लगाने के लिए।
मुख्य घटक: एक मानचित्र को समझने और उपयोग करने के लिए उसके कुछ मुख्य घटक होते हैं:
- दूरी (पैमाना): यह मानचित्र पर दर्शाई गई दूरी और जमीन पर वास्तविक दूरी के बीच का अनुपात होता है। पैमाने से हमें पता चलता है कि मानचित्र कितना छोटा किया गया है।
- दिशा: आमतौर पर एक उत्तर तीर (North Arrow) या दिक् सूचक (Compass Rose) द्वारा दर्शाया जाता है, जो मानचित्र पर दिशाओं (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) को इंगित करता है।
- प्रतीक (संकेत सूची/लेजेंड): मानचित्र पर विभिन्न भौगोलिक या मानव निर्मित विशेषताओं (जैसे सड़क, नदी, इमारत, पेड़, रेलवे लाइन) को दिखाने के लिए विशेष चिन्हों, रंगों या अक्षरों का उपयोग किया जाता है। इन प्रतीकों का अर्थ समझाने वाली एक सूची (लेजेंड या कुंजी) मानचित्र पर दी जाती है।
2. निर्देशांक क्या हैं? पृथ्वी पर किसी स्थान को अंकित करने के लिए अक्षांश और देशांतर का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
उत्तर:
उत्तर: निर्देशांक या सूचकांक दो समयावधि अथवा दो स्थानों में किसी तथ्य जैसे कीमत मात्रा उत्पादन आदि में हुए परिवर्तन की सापेक्ष माप है। पृथ्वी पर किसी भी स्थान का सटीक पता लगाने के लिए अक्षांश और देशांतर के अंशों में मापी गई भौगोलिक निर्देशांक प्रणाली का उपयोग करते हैं। यह प्रणाली पूरे ग्रह पर एक ग्रिड बनाती है। अक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा के समानांतर चलती हैं और देशांतर रेखाएं उत्तर से दक्षिण ध्रुव तक चलती हैं।
3. देशांतर से स्थानीय समय और मानक समय कैसे संबंधित हैं?
उत्तर:
पृथ्वी 24 घंटे में 360° घूमती है, यानी 1 घंटे में 15° देशांतर पार करती है। इससे स्थानीय समय और देशांतर का संबंध बनता है।
- स्थानीय समय: यह सूर्य की स्थिति पर आधारित होता है। जब सूर्य किसी देशांतर पर उच्चतम बिंदु पर होता है, वहां दोपहर (12 बजे) होती है। पूर्व की ओर 15° पर 1 घंटा आगे और पश्चिम की ओर 15° पर 1 घंटा पीछे समय होता है। उदाहरण: अगर ग्रीनविच (0°) पर 12 बजे हैं, तो 15°E पर 1 बजे होंगे।
- मानक समय: चूंकि हर देशांतर पर अलग-अलग समय अव्यवहारिक है, देश एक मानक समय क्षेत्र (टाइम ज़ोन) अपनाते हैं, जो आमतौर पर 15° देशांतर के गुणक पर आधारित होता है। यह ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से ऑफसेट के रूप में व्यक्त होता है। जैसे, भारत का मानक समय GMT+5:30 है, जो 82.5°E पर आधारित है।
संबंध: देशांतर स्थानीय समय को निर्धारित करता है, लेकिन मानक समय सुविधा के लिए इसे एक क्षेत्र में एकसमान करता है। उदाहरण: 75°E और 90°E पर स्थानीय समय में 1 घंटे का अंतर होगा, पर भारत में दोनों जगह एक ही मानक समय (IST) लागू होता है।
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