स्थलरूप एवं जीवन
1. आपका कस्बा या गाँव या नगर किस प्रकार के स्थलरूप पर स्थित है? इस अध्याय में बताई गई विशेषताओं में से कौन-सी विशेषताएँ आप अपने आस-पास देखते हैं?
उत्तर: मेरा कस्बा (या गाँव/नगर) एक मैदानी क्षेत्र में स्थित है। यहाँ की भूमि समतल है और नदियाँ भी पास में बहती हैं, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनी रहती है। यहाँ कृषि मुख्य व्यवसाय है और लोग चावल, गेहूँ तथा अन्य फसलें उगाते हैं। इसके अलावा, यहाँ पर सड़कों, रेलमार्गों और पुलों का अच्छा विकास हुआ है, जिससे आवागमन सरल हो गया है।
2. आइए, छोटा नागपुर से प्रयागराज और अल्मोड़ा की हमारी आरंभिक यात्रा पर चलें। इस मार्ग में आने वाले तीन स्थलरूपों के बारे में बताइए।
उत्तर:
- छोटा नागपुर क्षेत्र – यह एक पठारी क्षेत्र है, जहाँ खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यहाँ ऊँचाई अधिक होती है और भूमि समतल नहीं होती।
- प्रयागराज – यह एक मैदानी क्षेत्र है, जहाँ नदियाँ बहती हैं और उपजाऊ मिट्टी पाई जाती है। यह स्थान कृषि के लिए उपयुक्त है।
- अल्मोड़ा – यह एक पर्वतीय क्षेत्र है, जहाँ पहाड़ियाँ और ऊँची-नीची भूमि पाई जाती है। यहाँ जलवायु ठंडी रहती है और शंकुधारी वृक्ष पाए जाते हैं।
3. भारत के कुछ प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की सूची बनाइए। यह भी लिखिए कि वे कौन-से स्थलरूप के अंतर्गत आते हैं।
उत्तर:
1. काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश
- स्थलरूप: गंगा नदी के किनारे मैदानी क्षेत्र।
- यह हिंदुओं का पवित्र शहर है, जो मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है।
2. हरिद्वार, उत्तराखंड
- स्थलरूप: गंगा नदी का मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों से निकटता।
- यहाँ हर की पौड़ी पर गंगा आरती और कुंभ मेला प्रसिद्ध है।
3. तिरुपति, आंध्र प्रदेश
- स्थलरूप: शेषाचलम पहाड़ियाँ (पूर्वी घाट का हिस्सा)।
- भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर यहाँ स्थित है।
4. अमरनाथ, जम्मू और कश्मीर
- स्थलरूप: हिमालय पर्वत श्रृंखला।
- यहाँ बर्फ से बना प्राकृतिक शिवलिंग दर्शन के लिए प्रसिद्ध है।
5. वैष्णो देवी, जम्मू और कश्मीर
- स्थलरूप: त्रिकूट पर्वत (हिमालय का हिस्सा)।
- माता वैष्णो देवी का मंदिर पहाड़ी गुफा में स्थित है।
6. ऋषिकेश, उत्तराखंड
- स्थलरूप: हिमालय की तलहटी और गंगा नदी का किनारा।
- योग और ध्यान के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थल।
7. पुरी, ओडिशा
- स्थलरूप: बंगाल की खाड़ी के तटीय मैदान।
- जगन्नाथ मंदिर और रथ यात्रा के लिए जाना जाता है।
8. बद्रीनाथ, उत्तराखंड
- स्थलरूप: हिमालय पर्वत श्रृंखला।
- भगवान विष्णु का मंदिर चार धामों में से एक है।
9. द्वारका, गुजरात
- स्थलरूप: अरब सागर का तटीय क्षेत्र।
- भगवान कृष्ण की नगरी और चार धामों में से एक।
10. रामेश्वरम, तमिलनाडु
- स्थलरूप: तटीय क्षेत्र (पंबन द्वीप)।
- भगवान शिव का मंदिर और चार धामों में से एक।
4. सही या गलत बताइए –
1. हिमालय गोल शिखरों वाली नवीन पर्वत श्रृंखला है।
गलत:
हिमालय एक नवीन पर्वत श्रृंखला तो है, लेकिन इसके शिखर मुख्य रूप से नुकीले और ऊबड़-खाबड़ हैं, न कि गोल। गोल शिखर पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं की विशेषता होती है।
2. पठार प्रायः एक ओर से उठे हुए होते हैं।
सही:
पठार अक्सर एक ओर से ऊँचे और दूसरी ओर से ढालू होते हैं, जैसे भारत का दक्कन पठार जो पश्चिम में ऊँचा और पूर्व की ओर ढालू है।
3. पर्वत और पहाड़ियाँ एक ही प्रकार के स्थलरूप हैं।
गलत:
पर्वत और पहाड़ियाँ ऊँचाई और संरचना में भिन्न होती हैं। पर्वत अधिक ऊँचे और विशाल होते हैं, जबकि पहाड़ियाँ अपेक्षाकृत छोटी होती हैं।
4. भारत में पर्वत, पठार और नदियों में एक ही प्रकार के वनस्पति और प्राणी जगत पाए जाते हैं।
गलत:
भारत के विभिन्न भू-आकृतियों (पर्वत, पठार, नदियाँ) में जलवायु और ऊँचाई के कारण वनस्पति और प्राणी जगत में विविधता पाई जाती है, जैसे हिमालय में शीतोष्ण वन और मैदानों में उष्णकटिबंधीय वन।
5. गंगा, यमुना की सहायक नदी है।
गलत:
यमुना, गंगा की सहायक नदी है, न कि इसके विपरीत। यमुना प्रयागराज में गंगा में मिलती है।
6. मरुस्थल का वनस्पति जगत और प्राणी जगत विलक्षण होता है।
सही:
मरुस्थलों में कठोर जलवायु के कारण वहाँ की वनस्पति (जैसे कैक्टस) और प्राणी (जैसे ऊँट) अद्वितीय और अनुकूलित होते हैं।
7. हिम के पिघलने से नदियों में जल आता है।
सही:
हिमालय जैसे पर्वतों से निकलने वाली नदियाँ (जैसे गंगा, सिंधु) हिमनदों के पिघलने से जल प्राप्त करती हैं।
8. मैदानों में नदियों द्वारा एकत्र किए गए तलछट भूमि को उपजाऊ बनाते हैं।
सही:
नदियाँ अपने साथ लाई गई तलछट (जैसे गाद) को मैदानों में जमा करती हैं, जिससे भूमि उपजाऊ बनती है, जैसे गंगा के मैदान।
9. सभी मरुस्थल गर्म होते हैं।
गलत:
सभी मरुस्थल गर्म नहीं होते। कुछ मरुस्थल, जैसे गोबी मरुस्थल, ठंडे भी हो सकते हैं। गर्मी के बजाय कम वर्षा मरुस्थल की मुख्य विशेषता है।
5. शब्दों के जोड़े बनाइए –
उत्तर:
शब्द | संबंधित शब्द |
---|---|
माउंट एवरेस्ट | पर्वतारोहण |
राफ्टिंग | नदी |
ऊँट | मरुस्थल |
पठार | विश्व की छत |
गंगा का मैदान | गंगा |
जलमार्ग | धान के खेत |
माउंट किलिमंजारो | अफ्रीका |
यमुना | सहायक नदी |
महत्वपूर्ण प्रश्न (Page 41)
1. स्थलरूपों के प्रमुख प्रकार कौन-से हैं और जीवन तथा संस्कृति के लिए इनका क्या महत्व है?
उत्तर: स्थलरूप के प्रमुख प्रकार हैं– पर्वत, पठार और मैदान। इनकी भौतिक विशेषताएँ और विस्तार बहुत भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। इन स्थानों पर रहने वाले लोग अपने दैनिक कार्यों और जीवनशैली में इन स्थलरूपों से प्रभावित होते हैं, जिनमें वे निवास करते हैं।
- पर्वत: कठिन जीवन और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, जैसे कृषि और पर्यटन।
- पठार: कृषि और खनिज संसाधनों के लिए उपयुक्त, जीवन और संस्कृति पर जलवायु का प्रभाव।
- मैदान: समतल और विस्तृत, कृषि और व्यापार के लिए उपयुक्त, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास।
2. प्रत्येक स्थलरूप के साथ संबंधित जीवन की क्या चुनौतियाँ एवं अवसर हैं?
उत्तर:
1. पर्वतीय क्षेत्र (Mountains)
- चुनौतियाँ: कठिन जीवन-यापन, खेती की सीमाएँ, भूस्खलन, परिवहन समस्याएँ
- अवसर: पर्यटन, जड़ी-बूटी एवं वन्य जीव संपदा, जल विद्युत परियोजनाएँ
2. पठारी क्षेत्र (Plateaus)
- चुनौतियाँ: कम उर्वर भूमि, पानी की सीमित उपलब्धता
- अवसर: खनिज संसाधन, चरागाह, औद्योगिक विकास
3. मैदानी क्षेत्र (Plains)
- चुनौतियाँ: बाढ़ की संभावना, अत्यधिक जनसंख्या घनत्व
- अवसर: कृषि, उद्योग, व्यापार एवं नगर विकास
4. मरुस्थलीय क्षेत्र (Deserts)
- चुनौतियाँ: जल की कमी, खेती में कठिनाई, तापमान में तीव्र अंतर
- अवसर: खनिज संपदा, सौर एवं पवन ऊर्जा उत्पादन, पर्यटन
5. तटीय क्षेत्र (Coastal Areas)
- चुनौतियाँ: चक्रवात, जलवायु परिवर्तन, समुद्री जल का कटाव
- अवसर: मत्स्य पालन, व्यापारिक गतिविधियाँ, पर्यटन
6. द्वीपीय क्षेत्र (Islands)
- चुनौतियाँ: सीमित संसाधन, तूफानों का खतरा
- अवसर: जैव विविधता संरक्षण, पर्यटन
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