इंडिया, अर्थात भारत
1. अध्याय के आरंभ में दिए गए उद्धरण का क्या अर्थ है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
अध्याय के शुरू में श्री अरविंद का उद्धरण है: “भारत में प्रारंभिक काल से ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता स्थापित हो गई थी, जो हिमालय और दो समुद्रों के बीच इस महान मानवता की जीवनधारा का अभिन्न अंग बन गई।” इसका अर्थ है कि बहुत पुराने समय से भारत में लोग आध्यात्मिकता (ईश्वर और आत्मा के विचार) और संस्कृति (रीति-रिवाज, परंपराएँ) में एकजुट थे। हिमालय पर्वत और दो समुद्रों (अरब सागर और बंगाल की खाड़ी) के बीच का यह क्षेत्र भारत की पहचान बन गया। यहाँ के लोगों ने अपनी परंपराओं और विश्वासों को एक साथ जोड़ा, जो भारत को खास बनाता है।
2. सही अथवा गलत की पहचान कीजिए —
उत्तर:
1. ‘ऋग्वेद’ में भारत के संपूर्ण भूगोल का वर्णन किया गया है।
गलत – ऋग्वेद में केवल उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र (सप्त सैंधव – सात नदियों की भूमि) का वर्णन है, पूरे भारत का नहीं।
2. ‘विष्णु पुराण’ में संपूर्ण उपमहाद्वीप का वर्णन किया गया है।
सही – विष्णु पुराण में भारत को हिमालय के दक्षिण और समुद्र के उत्तर के क्षेत्र के रूप में बताया गया है, जो पूरे उपमहाद्वीप को दर्शाता है।
3. अशोक के समय ‘जम्बूद्वीप’ में आज का भारत, अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्र, बांग्लादेश और पाकिस्तान सम्मिलित थे।
सही – अशोक के शिलालेखों में जम्बूद्वीप का उल्लेख है, जिसमें उस समय ये सभी क्षेत्र शामिल थे।
4. महाभारत में कश्मीर, कच्छ और केरल समेत कई क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया गया है।
सही – महाभारत में कश्मीर, कुरूक्षेत्र, कच्छ, केरल जैसे कई क्षेत्रों के नाम मिलते हैं।
5. ‘हिंदुस्तान’ शब्द का प्रयोग 2,000 वर्ष से भी पहले सर्वप्रथम एक यूनानी शिलालेख में किया गया था।
गलत – ‘हिंदुस्तान’ शब्द सबसे पहले फारसी शिलालेख में 1,800 वर्ष पहले प्रयोग हुआ था, यूनानी में नहीं।
6. प्राचीन फारसी में ‘हिंदू’ शब्द का उपयोग हिंदू धर्म के लिए किया गया है।
गलत – प्राचीन फारसी में ‘हिंदू’ एक भौगोलिक शब्द था, जो सिंधु नदी के क्षेत्र को दर्शाता था, न कि हिंदू धर्म को।
7. विदेशी यात्रियों द्वारा इंडिया को ‘भारत’ नाम दिया गया।
गलत – ‘भारत’ नाम भारतीयों ने दिया था, विदेशियों ने इसे ‘हिंद’, ‘इंडोई’ या ‘इंडिया’ कहा।
3. यदि आपका जन्म 2,000 वर्ष पूर्व हुआ होता और आपको अपने देश का नामकरण करने का अवसर मिलता, तो आप किस नाम का चयन करते एवं क्यों? अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग कीजिए।
उत्तर:
अगर मेरा जन्म 2,000 साल पहले हुआ होता, तो मैं अपने देश का नाम “सप्तनदी” रखता। इसका कारण यह है कि उस समय नदियाँ बहुत महत्वपूर्ण थीं। ऋग्वेद में “सप्त सैंधव” (सात नदियों की भूमि) का उल्लेख है, और नदियाँ जीवन, खेती और व्यापार के लिए जरूरी थीं। यह नाम मेरे देश की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्धि को दर्शाता। साथ ही, यह सुनने में भी अच्छा लगता है!
4. प्राचीन काल में विश्व के विभिन्न भागों से लोग भारत की यात्रा क्यों करते थे? इस प्रकार की लंबी यात्रा करने के पीछे उनका उद्देश्य क्या था? (संकेत कम से कम चार या पाँच उद्देश्य हो सकते हैं।)
उत्तर:
(i) व्यापार और वाणिज्य: भारत अपने मसालों, रेशम, वस्त्रों और कीमती पत्थरों के लिए प्रसिद्ध था। विदेशी व्यापारी इन वस्तुओं के व्यापार के लिए भारत आते थे।
(ii) तीर्थ यात्रा: भारत अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध था। विभिन्न देशों से लोग यहाँ के पवित्र स्थलों की तीर्थ यात्रा करने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के लिए आते थे।
(iii) शिक्षा और ज्ञान: भारत तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों का केंद्र था। विद्या की खोज में विदेशी छात्र और विद्वान यहाँ आकर शिक्षा प्राप्त करते थे।
(iv) राजनीतिक और कूटनीतिक उद्देश्य: विभिन्न देशों के शासक भारत के साथ राजनीतिक संबंध स्थापित करने और कूटनीतिक समझौते करने के लिए यहाँ आते थे।
महत्वपूर्ण प्रश्न (Page 75)
1. भारत को हम कैसे परिभाषित कर सकते हैं?
उत्तर: भारत एक प्राचीन सभ्यता, विविधता में एकता का प्रतीक और विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यह संस्कृति, परंपराओं, कला, आध्यात्मिकता और वैज्ञानिक प्रगति का केंद्र है। हिमालय से लेकर समुद्र तक, भारत प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर है। यह “आध्यात्मिकता की भूमि” और आधुनिक प्रगति का अद्भुत मिश्रण है।
2. भारत के कुछ प्राचीन नाम क्या थे?
उत्तर:
भारत के प्राचीन काल में कई नाम थे, जो अलग-अलग ग्रंथों और विदेशियों द्वारा दिए गए थे। कुछ मुख्य नाम इस प्रकार हैं:
- सप्त सैंधव – ऋग्वेद में उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को ‘सात नदियों की भूमि’ कहा गया।
- भारतवर्ष – महाभारत में पूरे उपमहाद्वीप के लिए प्रयोग हुआ, जो ‘भरत’ नाम से आया।
- जम्बूद्वीप – महाभारत और अशोक के शिलालेखों में प्रयोग हुआ, जिसका अर्थ ‘जामुन वृक्ष का द्वीप’ है।
- हिंद या हिंदू – प्राचीन फारसियों ने सिंधु नदी के आधार पर यह नाम दिया।
- इंडोई या इंडिके – यूनानियों ने ‘हिंद’ से यह नाम बनाया, जो बाद में ‘इंडिया’ बना।
- यिंदू – प्राचीन चीनी यात्रियों ने भारत को इस नाम से बुलाया।
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