आधारभूत लोकतंत्र — भाग 2: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार
1.पंचायती राज संस्थाएँ क्या हैं?
उत्तर: पंचायती राज संस्थाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार की व्यवस्था हैं।
2. ग्राम पंचायत का प्रमुख कौन होता है?
उत्तर: ग्राम पंचायत का प्रमुख ‘सरपंच’ या ‘प्रधान’ होता है।
3. पंचायती राज के कितने स्तर होते हैं?
उत्तर: पंचायती राज के तीन स्तर होते हैं – ग्राम, खंड और जिला।
4. ग्राम सभा क्या है?
उत्तर: ग्राम सभा गाँव के वयस्क मतदाताओं का समूह है जो निर्णय लेता है।
5. पंचायत समिति किस स्तर पर होती है?
उत्तर: पंचायत समिति खंड स्तर पर होती है।
6. जिला परिषद का क्या काम है?
उत्तर: जिला परिषद जिले के विकास कार्यों का प्रबंधन करती है।
7. पंचायती राज को स्व-शासन क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि यह ग्रामीणों को अपने निर्णय खुद लेने का अधिकार देता है।
8. बाल हितैषी पंचायत का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: बच्चों की भलाई और उनकी समस्याओं को सुनना।
9. पटवारी का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: पटवारी गाँव के भू-अभिलेखों का रख-रखाव करता है।
10. पंचायती राज में महिलाओं के लिए क्या व्यवस्था है?
उत्तर: एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
1.पंचायती राज व्यवस्था क्या है और यह ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे काम करती है?
उत्तर: पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार की एक व्यवस्था है, जो लोगों को अपने गाँव के शासन में भाग लेने का अधिकार देती है। यह तीन स्तरों पर काम करती है – ग्राम पंचायत (गाँव स्तर), पंचायत समिति (खंड स्तर), और जिला परिषद (जिला स्तर)। ग्राम पंचायत गाँव की समस्याओं जैसे सड़क, पानी, और स्कूल के रख-रखाव का ध्यान रखती है। पंचायत समिति कई गाँवों के विकास कार्यों को जोड़ती है, और जिला परिषद पूरे जिले के लिए योजनाएँ बनाती है। यह व्यवस्था ग्रामीणों को स्व-शासन का मौका देती है।
2. ग्राम पंचायत के मुख्य कार्य क्या हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: ग्राम पंचायत के मुख्य कार्य गाँव की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना है, जैसे सड़क बनाना, पानी की व्यवस्था करना, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखना। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के हिवरे बाजार गाँव में सरपंच पोपटराव पवार ने जल संरक्षण और पेड़ लगाने की योजना बनाई, जिससे गाँव समृद्ध बन गया। ग्राम पंचायत गाँव की समस्याओं को हल करने के लिए ग्राम सभा के साथ मिलकर काम करती है।
3. पंचायती राज व्यवस्था लोकतंत्र के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: पंचायती राज व्यवस्था लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शासन को गाँव के लोगों तक पहुँचाती है। यह ग्रामीणों को अपने निर्णय खुद लेने और विकास कार्यों में हिस्सा लेने का अधिकार देती है। ग्राम सभा में लोग अपनी समस्याएँ उठाते हैं और समाधान ढूंढते हैं, जिससे लोकतंत्र मजबूत होता है। यह व्यवस्था यह भी सुनिश्चित करती है कि महिलाएँ और वंचित वर्ग भी शासन में शामिल हों।
4. बाल हितैषी पंचायत क्या है और यह बच्चों के लिए क्या करती है? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: बाल हितैषी पंचायत एक ऐसी पहल है जिसमें बच्चों की समस्याओं और अधिकारों पर ध्यान दिया जाता है। यह बच्चों को अपनी बात रखने का मौका देती है। उदाहरण के लिए, सिक्किम के सांगखू राधू खांडू गाँव में पंचायत ने स्कूल की दीवारें बनवाईं और मिड-डे मील के लिए रसोईघर शुरू किया, जिससे बच्चों की सुरक्षा और पोषण का ध्यान रखा गया। इससे गाँव को बाल हितैषी ग्राम पंचायत का दर्जा मिला।
5. पंचायती राज के तीन स्तरों की संरचना और उनके कार्यों को समझाइए।
उत्तर: पंचायती राज की त्रिस्तरीय संरचना में तीन स्तर हैं:
- ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर): यह गाँव की सबसे छोटी इकाई है। यह सड़क, पानी, स्कूल और छोटे विवादों का समाधान करती है। सरपंच इसका प्रमुख होता है।
- पंचायत समिति (खंड स्तर): यह कई गाँवों को जोड़ती है और उनकी विकास योजनाओं को जिला स्तर तक पहुँचाती है। यह सरकारी योजनाओं को लागू करने में मदद करती है।
- जिला परिषद (जिला स्तर): यह पूरे जिले के विकास की देखभाल करती है, जैसे बड़े प्रोजेक्ट, सड़कें, और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाएँ।
ये तीनों स्तर मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में शासन और विकास को बेहतर बनाते हैं।
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