परिचय
- सभी देश एक-दूसरे पर निर्भर हैं और वैश्विक समस्याओं का सामना करते हैं।
- इन समस्याओं को हल करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।
पर्यावरण
- पर्यावरण का अर्थ: “परि” (चारों ओर) + “आवरण” (घेरा), यानी वह सब जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है।
- पर्यावरण के कारक:
- जैविक कारक: पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्म जीव।
- अजैविक कारक: जल, खनिज, मृदा, वायु, सौर ऊर्जा।
- ये कारक एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं और पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखते हैं।
- प्राकृतिक और मानवीय कारणों से यह संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है।
- प्रदूषण: वायु, जल, मृदा के गुणों में हानिकारक बदलाव जो मनुष्य और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।
जल प्रदूषण
परिभाषा: जल के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों में नकारात्मक बदलाव, जो जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को हानि पहुँचाता है।
स्रोत:
- प्राकृतिक स्रोत: गैसें, मृदा, खनिज, मृत जीव-जंतु, मृदा अपरदन।
- मानवीय स्रोत:
- घरेलू मल-मूत्र का नदियों-तालाबों में विसर्जन।
- साबुन, डिटर्जेंट का उपयोग।
- उद्योगों से निकलने वाला रासायनिक अपशिष्ट।
प्रभाव: हैजा, पेचिश, पीलिया, मलेरिया जैसे रोग।
रोकथाम के उपाय:
- उद्योगों का गंदा पानी नदियों-झीलों में न डालें।
- विद्युत शवदाह गृह बनाएँ।
- सुलभ इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं की मदद लें।
वायु प्रदूषण
परिभाषा: वायु में गैसों के अनुपात में बदलाव जो जीव-जगत को नुकसान पहुँचाता है।
कारण:
- प्राकृतिक कारण: ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसें, धुआँ, राख।
- मानवीय कारण:
- वाहनों से निकलने वाला धुआँ (जहरीली गैसें)।
- उद्योगों से निकलने वाली विषैली गैसें (अमोनिया, हाइड्रोकार्बन)।
- घरेलू कार्यों में कोयला, लकड़ी, मिट्टी का तेल जलाने से धुआँ।
प्रभाव: श्वास संबंधी रोग जैसे अस्थमा, तपेदिक, फेफड़ों का कैंसर।
रोकथाम के उपाय:
- उद्योगों में ऊँची चिमनियाँ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का निरीक्षण।
- कच्चे कोयले और लकड़ी जलाने पर रोक।
- खुले सीवेज को बंद करना।
- जागरूकता फैलाना और वनों की कटाई रोकना।
- प्रभावी कानून बनाना।
ध्वनि प्रदूषण
- परिभाषा: अवांछित शोर जो कानों को अप्रिय लगता है।
- प्रभाव: मानसिक तनाव, मनोरोग।
- रोकथाम: जागरूकता और लोगों की सक्रिय भागीदारी।
वैश्वीकरण
परिभाषा: देशों के बीच व्यापार, पूँजी, शिक्षा, कला, तकनीक आदि में परस्पर निर्भरता।
- कच्चा माल, तकनीक और उत्पादन अलग-अलग देशों में होकर वस्तुएँ विश्व भर में बिकती हैं।
लाभ:
- पूँजी का प्रवाह बढ़ता है।
- अंतरराष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि।
- सहयोग और प्रतियोगिता का विकास।
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ: कई देशों में कारोबार करने वाली कंपनियाँ, जो भारत में उद्योग और पूँजी निवेश करती हैं।
प्रतिकूल प्रभाव:
- कमजोर घरेलू उद्योग बंद हो रहे हैं।
- रोजगार कम होने से आय असमानता बढ़ी।
- उपभोक्तावादी संस्कृति का प्रसार।
- विलासिता की वस्तुओं की भरमार।
उदारीकरण: व्यापार और उद्योगों के नियमों में ढील, विदेशी कंपनियों को प्रोत्साहन।
निजीकरण: निजी कंपनियों को सरकारी क्षेत्र की सेवाएँ और संपत्ति सौंपना।
आतंकवाद
परिभाषा: गैर-कानूनी और हिंसक तरीकों से उद्देश्य पूरे करना।
विशेषताएँ:
- शांति और शासन को भंग करना।
- लोकतंत्र और मानवता के खिलाफ अपराध।
- विमान अपहरण, हत्या, भय फैलाना।
- धार्मिक उन्माद से निर्दोष लोगों की हत्या।
- बाहरी देशों द्वारा प्रायोजित आतंकवाद।
उदाहरण: अल-कायदा द्वारा 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला।
आतंकवादियों के कार्य:
- समाज और सरकार के खिलाफ हिंसक और गैर-कानूनी कार्य।
- जनता में भय और असुरक्षा पैदा करना।
- मजहबी उन्माद और अलगाववाद को बढ़ावा देना।
- देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा।
भारत में आतंकवाद:
- कश्मीर में आतंकवाद से कश्मीरी पंडित शरणार्थी बने।
- प्रमुख घटनाएँ: मुंबई बम विस्फोट, अक्षरधाम मंदिर हमला, कंधार विमान अपहरण, 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला।
- पड़ोसी देश कट्टरपंथियों को प्रोत्साहित करते हैं।
- भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मूल्यों को नुकसान।
प्रभाव: सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा, सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त।
भारत का रुख: आतंकवाद का विरोध, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए संकल्प।
Leave a Reply